इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन करने के लिए होता है ये प्रोसेस
आज के समय में न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया EV की ओर जा रही है। लोग अब ICE से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना पसंद करते हैं इनकी बढ़िया परफॉरमेंस व फीचर के कारण। पहला का जमाना अलग था जब लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल को पसंद नहीं करते थे लेकिन अब इनकी डिमांड पिछले दो सालों से काफी तेजी से बढ़ी है। अब जब लोग काफी ज्यादा मात्रा में इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीद रहे हैं तो अब सबसे बड़ा सवाल बनता है इनका चार्जिंग स्टेशन।
EV चार्जिंग स्टेशन की कितनी है जरुरत

सभी ऑटोमोबाइल कंपनियां अपने व्हीकल के साथ चार्जर देती है और हर दिन इसमें भी इम्प्रूवमेंट करती है ताकि ये व्हीकल को जल्दी से जल्दी चार्ज कर सके। लेकिन चाहे कितना भी फ़ास्ट चार्जर हो वो आपके व्हीकल को केवल घर या फिर आपके ऑफिस व दुकान पर चार्ज कर सकता है। यदि आप कहीं लम्बे सफर पर जा रहे हैं ये फिर आपके पास चार्जर नहीं है तो आपको चार्जिंग स्टेशन की जरुरत पड़ने वाली है। साथ ही जो चार्जर स्टेशन पर मौजूद होते हैं वे स्स्प्के पोर्टेबल चार्जर के मुकाबले काफी ज्यादा फ़ास्ट होते हैं।
कहाँ लगा सकते हैं EV चार्जिंग स्टेशन
जैसे जैसे इलेक्ट्रिक व्हीकल की डिमांड बढ़ रही है वैसे ही चार्जिंग स्टेशन की भी डिमांड बढ़ रही है। मार्किट में काफी साड़ी चार्जिंग स्टेशन कंपनियां आ गई हैं जो आपको अलग अलग प्लान के हिसाब से चार्जिंग स्टेशन खोलने को बोलती हैं। आप चार्जिंग स्टेशन पेट्रोल पंप की तरह बड़ी जंघा में लगा सकते हो व इसे लगाने के और भी ज्यादा तरीके हैं जैसे की होटल, हाईवे पर ढाबा, सुपर मार्किट व किसी अन्य ज्यादा पब्लिक वाले पार्किंग प्लेस में भी लगा सकते हैं। चार्जिंग स्टेशन कंपनियों ने अलग अलग बजट व यूनिट के चार्जिंग स्टेशन प्लान बनाये हैं जिसके बाद आप अपनी बजट के हिसाब से एक चार्जिंग स्टेशन लगा सकते हैं।
कितनी तरह के होते हैं चार्जिंग स्टेशन
भारत में अभी के समय में तीन प्रकार के चार्जिंग स्टेशन होते हैं लेवल 1, लेवल 2 और लेवल 3। ये तीन लेवल चार्जिंग की स्पीड के अनुसार दिए गए हैं। इनमे होते हैं स्लो चार्जिंग, स्टैंडर्ड चार्जिंग और रैपिड चार्जिंग जिन्हे लेवल से बताया जाता है। लेवल १ चार्जिंग स्टेशन में 120 वाल्ट का AC प्लग होता है जिसे आप अपने घर के प्लग में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसकी मदत ये आप अपने व्हीकल को 8 से 12 घंटों में चार्ज कर सकते हैं। फिर आता है लेवल 2 यानि स्टैंडर्ड जिसमे 240 वाल्ट का प्लग इस्तेमाल होता है व ये व्हीकल को 4 से 6 घंटों में चार्ज करता है। आखिर में आता है रैपिड यानि लेवल 3, ये 480 वाल्ट DC प्लग का इस्तेमाल करता है जो व्हीकल को 80% तक चार्ज केवल 20 से 30 मिनट में करता है।
EV चार्जिंग स्टेशन में लगती है इतनी लागत

EV चार्जिंग स्टेशन लगाने में लगती है दो तरह की लागत एक इंफ्रास्ट्रक्टरल कॉस्ट व दूसरी चार्जर कॉस्ट। इंफ्रास्ट्रक्टरल कॉस्ट में आपके आते हैं फैसिलिटीज, इक्विपमेंट और जमीन की कॉस्ट। व चार्जर की कॉस्ट होती है जो आपके लेवल के चार्जर होंगे उनकी अलग अलग कीमत। सरकार की गाइड लाइन के मुताबित एक पब्लिक EV चार्जिंग स्टेशन में में कम से कम तीन DC फ़ास्ट चार्जर होने चाइये व दो AC स्लो चार्जर। लेवल 1 के चार्जर की कीमत लेवल 2 और 3 के मुकाबले काफी कम होती है। आइये देखते हैं क्या है कुल लागत।
इंफ्रास्ट्रक्टरल कॉस्ट
रिक्वायरमेंट | कॉस्ट |
जमीन लीज ₹50,000 प्रति माह | ₹6,00,000 प्रति वर्ष |
ट्रांसफार्मर, बिजली का कनेक्शन का एनर्जी मीटर | ₹7,50,000 |
सिविल का काम | ₹2,50,000 |
मेंटेनन्स व टेक्निकल टीम | ₹3,00,000 |
प्रमोशन व मार्केटिंग | ₹50,000 |
कुल इंफ्रास्ट्रक्टरल कॉस्ट | ₹19,50,000 |
चार्जर की कीमत
चार्जर के प्रकार | कॉस्ट |
Bharat AC – 001 | ₹65,000 |
Bharat DC – 001 | ₹2,47,000 |
Type 2 AC | ₹1,20,000 |
CHAdeMO | ₹13,50,000 |
CCS | ₹14,00,000 |
चार्जिंग स्टेशन की सबसे बढ़िया कंपनियां
चार्जिंग कंपनियां | स्तिथ शहर |
Tata Power | मुंबई |
Charge + Zone | वड़ोदरा |
Exicom Power System | गुरुग्राम |
Charge My Gaadi | दिल्ली |
Volttie | नॉएडा |
EVQ Point | बेंगलुरु |
PlugNGo | नॉएडा |
Dyna Hi-tech Power Systems | नवी मुंबई |